ये हैं PFI और उसके सहयोगी 8 सगठनों की गुनाहों की पूरी लिस्ट...

By: Pinki Wed, 28 Sept 2022 10:15:30

ये हैं  PFI और उसके सहयोगी 8 सगठनों की  गुनाहों की पूरी लिस्ट...

केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी 8 सगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। पीएफआई के खिलाफ यह प्रतिबंधत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के बेहद सख्‍त प्रावधानों के तहत लगाया गया है। पीएफआई पर आतंकी संगठनों के साथ साठगांठ रखने का भी संगीन आरोप है। इसके अलावा अन्‍य संगठनों और विरोधियों के खिलाफ हिंसक कदम उठाने का आरोप भी इस संगठन पर है। NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 सितंबर और 27 सितंबर को PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे। दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार-हिरासत में लिए गए। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों का संबंध स्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है। इतना ही नहीं ये संगठन देश में एक विशेष समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही पीएफआई और इसके काडर बार बार देश में हिंसक और आतंकी गतिलिधियों में लिप्त पाए गए हैं।

आईए जानते हैं कि गृह मंत्रालय के मुताबिक, जांच में पीएफआई के खिलाफ क्या-क्या सबूत मिले है...

- गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बताया, PFI और उसके सहयोगी संगठन गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में काम करते हैं और देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं।

- PFI और उसके सहयोगी संगठन विधि विरुद्ध क्रियाकलापों में संलिप्त रहे हैं, ये देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के प्रतिकूल है और जिससे शांति और सांप्रदायिकता सद्भाव का माहौल खराब होने और देश में उग्रवाद को बढ़ावा मिलने की आशंका है।

- PFI के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित संगठन हैं। PFI के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं।

- PFI और इसके सहयोगी संगठन चोरी छिपे देश में असुराक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इसकी पुष्टि इससे होती है कि इसके कुछ सदस्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़ चुके हैं।

- PFI कई आपराधिक-आतंकी मामलों में शामिल रहा है। देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है। बाहरी स्त्रोतों से धन और वैचारिक समर्थन के साथ यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। जांच से पता चला है कि PFI और इसके काडर बार बार हिंसक कार्यो में संलिप्त पाए गए हैं। जिसमें एक प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुडे़ लोगों की हत्या करना, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है।

- PFI काडर कई आतंकी गतिविधियों और कई व्यक्तियों की हत्या में शामिल रहे हैं। और ऐसे आपराधिक कृत्य और जघन्य हत्याएं, सार्वजनिक शांति को भंग करने और लोगों के मन में आतंक का भय पैदा करने के एकमात्र उद्देश्य से की गई है। PFI के वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं और पीएफआई के कुछ सदस्य आईएसआईएस में शामिल हुए हैं।

ये भी पढ़े :

# केंद्र सरकार ने PFI पर लगाया 5 साल का बैन, इन 8 संगठनों पर भी एक्शन

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com